संवाददाता द्वारा
राँची: सीसीएल मुख्यालय के विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मियों सर्वश्री अतुल कुमार, महाप्रबंधक (ई एण्डएम), सतर्कता विभाग; जितेन्द्र कुमार तिवारी, उप प्रबंधक (वित्त), आईएडी विभाग; संदीप श्रीकृष्णा, वरीय निजीसहायक ‘ए-1’, एल पी एण्ड आर विभाग; गोपाल प्रसाद, ड्राईवर, सुरक्षा विभाग; मो. खलिल अंसारी, मशीन मैन(ऑफसेट), नगर प्रशासन विभाग तथा केन्द्रीय अस्पताल, गांधीनगर से श्रीमती गीता कुमारी सिंह, मेट्रन ‘ए-1’;श्रीमती सिसिला बारला, मेट्रन ‘ए-1’ आज सीसीएल से सेवानिवृत्त हुये। ज्ञात हो कि सीसीएल के विभिन्न क्षेत्रों सहित नवम्बर माह में सीसीएल के 98 कर्मी सेवानिवृत्त हुये। सभी कर्मियों को कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुये सम्मान समारोह का आयोजन कर भावभीनी विदाई दी गई।मुख्यालय, रांची में आयोजित सम्मान समारोह में सीसीएल के निदेशक (कार्मिक) श्री वी.के.आर.मल्लिकार्जुना राव ने उपस्थित कंपनी के वरिष्ठतम सेवानिवृत्त कर्मियों का अभिनंदन एवं स्वागत करते हुयेकहा कि आप सभी आज एक लंबे कार्यकाल के उपरांत सेवानिवृत्त हो रहे हैं जो स्वयं में एक उपलब्धि है।उन्होंने कहा कि आपके विचारो, अनुभवों एवं सुझावों का हम सभी को अनुसरण करते हुये कंपनी को उच्चतमशिखर तक पहुंचाना है।
सीवीओ श्री एस.के. सिन्हा ने समारोह के मुख्य आकर्षण सेवानिवृत्त कर्मियों का स्वागत करते हुएसेवानिवृत्त कर्मियों के सपरिवार सुखी एवं स्वस्थ्य जीवन की कामना की। श्री सिन्हा ने कहा किसेवानिवृत्त होना तो एक नियति है और आप सभी ने सीसीएल के प्रति जो कृतज्ञता एवं निष्ठा दिखायी है वह हम सभी के लिए अनुकरणीय है।अवसर विशेष पर सेवानिवृत्त कर्मियों ने अपने कार्यकाल के अनुभवों को सभी के साथ साझा किया। उन्होंनेअपने विचार रखे, साथ ही कंपनी के उतरोत्तर विकास की कामना की तथा कंपनी के प्रति आभार व्यक्त किया। अवसर विशेष पर सेवानिवृत्त कर्मियों ने कंपनी के उत्तरोत्तर विकास हेतु कुछ सुझाव भी दिये।अवसर विशेष पर सोशल डिस्टेंशिंग का पालन करते हुये सेवानिवृत्त कर्मियों को रिटायरमेंट संबंधित बेनिफिट प्रदान किया गया। इस अवसर पर सीसीएल मुख्यालय के विभिन्न विभागों के महाप्रबंधक, विभागाध्यक्ष एवं सेवानिवृत्त कर्मियोंके परिवारजन सोशल डिस्टेंशिंग का पालन करते हुये उपस्थित थे।कार्यक्रम का संचालन प्रबंधक (कार्मिक) श्रीमती निर्मला किरण ने किया। सम्मान समारोह को सफल बनाने में कल्याण विभाग के कर्मियों का विशेष योगदान रहा।